Priyanka06

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लेखनी प्रतियोगिता -20-Apr-2023 महावीर जी की जीवनी

शीर्षक-महावीर स्वामी की जीवनी

महावीर स्वामी थे महान,
जन्म स्थान वैशाली के कुंड ग्राम,
बचपन में कहलाए वर्धमान।

सिद्धार्थ थे इनके पिता,
त्रिशला  इनकी माता,
क्षत्रिय वंश से है नाता।

अनेक नाम से जाता पुकारा,
महावीर जिन नाम से बही धारा,
बनी जगत के आंखों का तारा।

30 वर्ष की आयु थी मात्र,
किया सांस्कृतिक मोह का त्याग,
कठोर तपस्या की 12 साल।

दिगंबर पंथी को अपनाया,
निर्वस्त्र रहे महावीर सदा,
ज्ञान के बने गेयता।

मोहन रहकर करी तपस्या,
सब ने दी उनको पीड़ा,
फिर भी अपना मुंह न खोला।

रखा उन्होंने सदा धीर,
कभी न बहे नयन नीर,
मिली जगत में मीर।

13 वर्ष के पश्चात मिला परिणाम,
वैशाखी के दशम में हुआ कैवल्य प्राप्त,
इंद्रियों पर विजय हुए वर्धमान।

क्या क्या कहकर लोग चिढ़ाते,
उच्चरित मधुर वाणी से सदा जीतते,
सब पर अपना प्रभाव बनाते।

जैन साहित्य की बात बताते,
बिंबिसार पुत्र अजातशत्रु बने अनुयायी,
पुत्री चंदना बनी प्रथम भिक्षुणी।

24 वे तीर्थंकर महावीर कहलाते,
जैन धर्म के सिद्धांत बताएं,
विधानात्मक निषेधात्मक सिद्धांत बने।

त्रिरतन में है इनका सार,
सत्य अहिंसा ब्रह्मचर्य का पालन,
सत्य विश्वास ज्ञान कार्य हे निवारण।

527 ईसा पूर्व की है बात,
पटना में हुआ था देहांत,
मोक्ष दिवस दिवाली के रूप में साज।

जैन धर्म का किया प्रसार,
आज भी जख्मी है विद्यमान,
जयंती के रूप में मनाते त्योहार।

लेखिका
प्रियंका भूतड़ा

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4 Comments

Punam verma

21-Apr-2023 06:47 AM

Very nice

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सुन्दर चित्रण

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बहुत ही बढ़िया रचना

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